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शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2013

मैं अकेला नहीं हूँ

नए लोग हैं , नया शहर है

नया ये वायु आवरण है
नयी ज़िन्दगी , नए तरीके
नयी सोच का आडम्बर है

ये सब तो हैं मेरे साथ !!
मैं अकेला नहीं हूँ ...

भीड़ बहुत है, लोग कई हैं
अनजाने भी और दोस्त कई हैं
पर नहीं लेता कोई खबर किसी की

खुद से ही करनी पड़ती है बात
मैं अकेला नहीं हूँ ....

सवाल कई हैं, जवाब नहीं है
नींद तो है पर ख्वाब नहीं है
बस कट रहे हैं दिन, और
गुजर रही है रात

उमड़ -घुमड़ रहे हैं ज़ज्बात
मैं अकेला नहीं हूँ .,......

साथ कोई आयेगा

चल रहा हूँ सोचकर कि साथ कोई आयेगा

अनंत से कोई एक आवाज़ तो लगाएगा
रोक लेगा वो मुझे और प्यार से समझाएगा

कि ज़िन्दगी शुरू हुई है
तू खुद को न निराश कर
अब मैं भी तेरे साथ हूँ
तू मुझ पे विश्वास कर

कि चल जहाँ तक तू चलेगा
कौन सी तू रह लेगा
मैं खड़ा हु साथ तेरे
जो तेरी परवाह करेगा

कि दस कदम या दस जनम हो
साथ तेरे मैं चलूँगा
कोई ख़ुशी हो या के गम हो
साथ तेरे मैं रहूँगा

वो होगा मेरे जैसा कोई
एक दिन मिल जायेगा
चल रहा हूँ  सोचकर कि साथ कोई आयेगा .......