अनुगूँज (Anugoonj)
मेरी भावनाएँ शब्दों में ...
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शनिवार, 8 जून 2013
बूँदों की बारात
दूर गगन से आई देखो
बूँदों की बारात
अवनि का अंतर धुला
धुल गयी है रात।
निर्झर सा बहने लगा
जीवन का संगीत
गलबाहीं वृक्षों ने डाली
चहुँओर है प्रीत।
पुलकित हुई नयनों की ज्योति
हर्षित मन का मोर हुआ
नृत्य कर रहीं फूल-पत्तियाँ
रिमझिम रिमझिम शोर हुआ।
1 टिप्पणी:
Mintu Bhushan
16 जून 2013 को 2:54 pm बजे
wah..wah..!
maja aaya hai mujhe in barisho me bheeng kar
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wah..wah..!
जवाब देंहटाएंmaja aaya hai mujhe in barisho me bheeng kar